आज का पंचांग: 03 अप्रैल 2020 (शुक्रवार); जानिए आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय
हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-
1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए शुक्रवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
*योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
शुक्रवार का पंचांग
03 अप्रैल शुक्रवार 2020
महालक्ष्मी मन्त्र :
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) - शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं। धन लाभ के लिए इस दिन शाम के समय घर के ईशान कोण / मंदिर में गाय के घी का दीपक लगाएं। इसमें रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे से बनी बत्ती का उपयोग करें और दिये में थोड़ी केसर भी डाल दें।
*विक्रम संवत् 2077 संवत्सर कीलक तदुपरि सौम्य*शक संवत - 1941 *अयन - उत्तरायण *ऋतु - बसंत ऋतु *मास - चैत्र माह *पक्ष - शुक्ल पक्ष
तिथि (Tithi)- दशमी - 04 अप्रैल 00:48 तक तदुपरांत एकादशी ।
तिथि का स्वामी - दशमी तिथि के स्वामी यमराज जी है । एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी है।
दशमी तिथि के देवता यमराज जी हैं। यह दक्षिण दिशा के स्वामी है। इनका निवास स्थान यमलोक है। इस दिन इनकी पूजा करने, इनसे अपने पापो के लिए क्षमा माँगने से जीवन की समस्त बाधाएं दूर होती हैं, निश्चित ही सभी रोगों से छुटकारा मिलता है, नरक के दर्शन नहीं होते है अकाल मृत्यु के योग भी समाप्त हो जाते है। इस तिथि को धर्मिणी भी कहा गया है। समान्यता यह तिथि धर्म और धन प्रदान करने वाली मानी गयी है । दशमी तिथि में नया वाहन खरीदना शुभ माना गया है। इस तिथि को सरकार से संबंधी कार्यों का आरम्भ किया जा सकता है।
नक्षत्र (Nakshatra)- पुष्य - 18:41 तक तदुपरांत श्लेषा
नक्षत्र के देवता- पुष्य नक्षत्र के देवता वृहस्पति है एवं श्लेषा नक्षत्र के देवता सूर्य है ।
योग(Yog) - सुकर्मा - 17:11 तक
प्रथम करण : - तैतिल - 13:56 तक
द्वितीय करण : - गर - 23:48 तक
गुलिक काल : - शुक्रवार को शुभ गुलिक दिन 7:30 से 9:00 तक ।
दिशाशूल (Dishashool)- शुक्रवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दही खाकर जाएँ ।
राहुकाल - दिन - 10:30 से 12:00 तक।
सूर्योदय -प्रातः 06:41 सूर्यास्त - सायं 07:09
विशेष - दशमी को कलम्बी का सेवन नहीं करना चाहिए ।
आज का शुभ मुहूर्तः अभिजीत मुहूर्त सुबह11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से दोपहर 03 बजकर 20 मिनट तक। अमृत काल मध्याह्न 12 बजकर 30 मिनट से दोपहर 02 बजकर 03 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्तः गुलिक काल सुबह 07 बजकर 43 मिनट से 09 बजकर 16 मिनट तक। राहुकाल सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक। यमगंड मुहूर्त दोपहर 03 बजकर 32 मिनट से शाम 05 बजकर 06 मिनट तक।
आज के उपायः माता लक्ष्मी और देवी संतोषी की पूजा करें। साथ ही दिव्यांग बच्चों को केला दान करें।
"हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।
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