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बड़ा फैसला: प्रदेश में विधायकों से परामर्श के बाद डीपीआर को अंतिम रूप दें अधिकारी: सीएम जयराम ठाकुर

शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज योजना विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विधायक प्राथमिकताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए क्योंकि वे निर्वाचित प्रतिनिधि हैं और उन्हें संबंधित क्षेत्रों की विकासात्मक आवश्यकताओं और जन आकांक्षाओं की बेहतर जानकारी जानकारी होती है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि यह महसूस किया गया है कि विधायक प्राथमिकताओं में अक्सर विलम्ब हो जाता है क्योंकि संबंधित विभागों द्वारा समय पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार नहीं की जाती है। विधायकों को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को अंतिम रूप देते समय विश्वास में लिया जाना चाहिए और इसे तैयार करने में विलम्ब के कारणों के बारे में भी उन्हें अवगत करवाया जाना चाहिए ताकि इस दिशा में उचित कदम उठाए जा सकें। उन्होंने कहा कि विधायकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर योजना के बारे में जिला स्तर पर नियमित बैठकें आयोजित की जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे लीक से हटकर सोचें और अपने जिले में कम से कम एक विशेष योजना शुरू करें। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने समूचे विश्व को प्रभावित किया है, जिसके लिए कोई तैयारी नहीं थी। उपायुक्तों को आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बजट में शामिल करने के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव देने चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में लागू होने वाली सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए प्रभावी निगरानी तंत्र भी विकसित किया जाना चाहिए। एफसीए और एफआरए स्वीकृतियों पर विशेष बल दिया जाना चाहिए क्योंकि इनके कारण कई बड़ी परियोजनाओं में विलम्ब हो जाता है। उन्होंने कहा कि विकासात्मक परियोजनाओं के निष्पादन में देरी की जांच के लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि आरआईडीएफ-एक्सएक्सवीआई के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग में 500 करोड़ रुपये की 114 परियोजनाएं जबकि जल शक्ति विभाग में 300 करोड़ रुपये की 137 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इन परियोजनाओं को पूरा करने की अवधि 2020-21 से 2023-24 तक है। उन्होंने कहा कि नाबार्ड के अन्तर्गत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को निर्धारित समय पर तैयार करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व आर.डी. धीमान जी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी जी. शर्मा, प्रधान सचिव ओंकार शर्मा जी एवं के.के. पंत, सचिव रजनीश, देवेश कुमार जी, डा. अक्षय सूद, डा. राजीव शर्मा और अमिताभ अवस्थी जी, विशेष सचिव सी.पी. वर्मा जी , निदेशक सूचना एवं जन संपर्क हरबंस सिंह ब्रसकोन जी , निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. रवि शर्मा जी , इंजीनियर-इन-चीफ जल शक्ति विभाग नवीन पुरी जी , निदेशक स्वास्थ्य डा. बी.बी. कटोच जी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बैठक में भाग लिया। सभी जिलों के उपायुक्त आॅनलाइन बैठक से जुड़े और अपने  सुझाव दिए

 

ENGLISH

Shimla: Himachal Pradesh Chief Minister Jai Ram Thakur presiding over the review meeting of Planning Department today said that MLA priorities should be given top priority as they are elected representatives and they would have better knowledge of developmental needs and public aspirations of the respective areas. is. Chief Minister Jai Ram Thakur said that it has been felt that MLA priorities are often delayed as detailed project reports are not prepared in time by the concerned departments. The MLAs should be taken into confidence while finalizing the detailed project report and also the reasons for the delay in preparing it so that appropriate steps can be taken in this direction. He said that regular meetings should be held at the district level about the scheme by ensuring active participation of MLAs. The Chief Minister directed the Deputy Commissioners to think out of the box and start at least one special scheme in their district. He said that the corona epidemic has affected the whole world, for which there was no preparation. The Deputy Commissioners should make their important suggestions for inclusion in the budget for the coming financial year. He said that effective monitoring mechanism should also be developed for timely completion of all the projects to be implemented in the state. Special emphasis should be given to FCA and FRA approvals as they cause delays in many large projects. He said that accountability should be fixed to check delays in execution of developmental projects. Chief Minister Jai Ram Thakur said that under RIDF-XXVI, 114 projects worth Rs 500 crore have been sanctioned in Public Works Department while 137 projects worth Rs 300 crore have been approved in Water Power Department. The period for completion of these projects is from 2020-21 to 2023-24. He said that the preparation of detailed project report under NABARD should be given top priority. On this occasion, Additional Chief Secretary Revenue R.D. Dhiman ji, Principal Secretary to Chief Minister JCG Sharma, Principal Secretary Onkar Sharma and K.K. Pant, Secretary Rajneesh, Devesh Kumar Ji, Dr. Akshay Sood, Dr. Rajiv Sharma and Amitabh Awasthi ji, Special Secretary C.P. Verma ji, Director Information and Public Relations Harbans Singh Braskon ji, Director Medical Education Dr. Ravi Sharma ji, Engineer-in-Chief Water Power Department Naveen Puri ji, Director Health Dr. B.B. Senior officials of various departments including Katoch ji also attended the meeting. Deputy Commissioners of all districts joined the meeting online and gave their valuable suggestions

 

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