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पांगी में बिजली की आंख-मिचौली से परेशान होकर फूटा लोगों का गुस्सा, दिया धरना प्रदर्शन

पांगी: जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी में बिजली की आंख-मिचौली से परेशान होकर ग्राम पंचायत पुर्थी के महिला मंडल ने आज पुर्थी पावर हाउस के समीप धरना प्रदर्शन दिया हुआ है। इस दौरान महिला मंडल की अध्यक्ष शांता देवी समेत 105 लोगों ने बिजली की आंख मिचोली से परेशान होकर धरने पर बैठे हुए हैं।

महिला मंडल की माने तो पुर्थी पावर हाउस होने के बावजूद उनकी पंचायत में पिछले काफी समय से बिजली में काट दिया जा रहा है जिस कारण उन्हें काफी दिक्कतें पेश आ रही है। वहीं विभाग की मानें तो विभाग का कहना है कि साच घराट पावर हाउस में चेंबर टूटने से पावर हाउस पिछले 4 दिनों से बंद है। जिस कारण विभाग द्वारा दो-दो घंटे पांगी घाटी के विभिन्न पंचायतों में बिजली दी जा रही है। जिसका विरोध करते हुए ग्रामीणों द्वारा यह फैसला किया गया है।


ग्रामीणों ने धरने देकर विभाग के खिलाफ रोष जताया। महिला मंडल द्वारा आरोप लगाया गया है कि बोर्ड का कोई भी अधिकारी सामने नहीं आ रहा है। और बार-बार बिजली का कट दिया जा रहा है। इस संबंध में अधीशासी अभियंता पांगी ने बताया कि साच घराट पावर हाउस बंद होने के कारण पुर्थी पावर हाउस की बिजली पांगी के विभिन्न पंचायतों के लिए दो-दो घंटे दी जा रही है। उन्होंने बताया कि साच घराट पावर हाउस ठीक हो जाता है तो कि बिजली व्यवास्थ सुचारू की जाएगी।


साच घराट पानी के चैबर में पत्थर गिरने के कारण पानी की सप्लाई बंद हो गई। इससे विद्युत उत्पादन ठप हो गया। घाटी की किलाड़, करयास, करेल, मिधल, साच, कुमार, साहली, सेचु, हुंडान, कुफा, फिदरू और शून में बत्ती गुल हो गई है। पांगी मुख्यालय किलाड़ स्थित करीब तीन सौ किलोवाट के मिनी हाइडल प्रोजेक्ट में पानी कम होने से उसकी विद्युत उत्पादन की क्षमता कत है। पांगी में बिजली की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

किलाड़ में तीन सौ किलोवाट का पावर हाउस, साच घराट में 900 किलोवाट, सुराल में 100 किलोवाट तथा पुर्थी में 100 किलोवाट के प्रोजेक्ट को मिलाकर कुल 1400 किलोवाट के पावर हाउस बनाए हैं। लेकिन उत्पादन करीब सात सौ किलोवाट होता है। डिमांड 3000 किलोवाट से भी अधिक है। ऐसे में लोगों की बिजली की आवश्यकता पूरी नहीं हो पा रही है। सरकारें सोलर पैनल डीजी सेट पर करोड़ों रुपये खर्च रही हैं यदि इनके स्थान पर दो से तीन मेगावाट के किलाड़ में माइक्रो हाइडल प्रोजेक्ट बना देती तो कई साल तक लोगों को बिजली की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में पांगी के लोगों की समस्या का समाधान करने के लिए सरकार द्वारा पांगी में सोलर पैनल वितरित किए है।


जिनमें एक सोलर पैनल की कीमत 3600 हजार बताई जा रही है। पांगी घाटी में अब तक एक हजार सोलर पैनल वितरित किए गए है। और 1500 सोलर पैनल की और डिमांड की गई। पांगी वासियों की माने तो सरकार द्वारा पांगी में 2500 सोलर पैनल वितरित किए जा रहे है। अगर सरकार इस पैसे को किसी प्रोजेक्ट पर खर्च करती तो पांगी के लोगों की समस्या हमेशा के लिए खत्तम हो सकती थी। लोगों का कहना है कि 2500 सोलर पैनल पर सरकार 9 करोड़ से भी अधिक राशि खर्च रही है, अगर नौ करोड़ का पांगी में प्रोजेक्ट बनाया जाता तो क्षेत्र के लोगों की समस्या खत्तम हो सकती थी।



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