Ads Top

क्‍या आप जानते हैं क्‍या होता है मौसम विभाग के रेड, ऑरेंज, येलो और ग्रीन अलर्ट का मतलब

पत्रिका डेस्क: इन दिनों अक्सर मौसम खराब रहता है और आप हर दिन अखबारों में और न्यूज चैनल में देखते ही होंगे कि मौसम विभाग द्वारा ग्रीन अलर्ट, येलो अलर्ट वह रेड अलर्ट जारी किया गया है। आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं कि इन अलर्ट को क्यों जारी किया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मौसम विभाग इन अलर्ट को मौसम के खराब होने की तीव्रता के आधार पर जारी करता है साथ ही मौसम जितना ज्यादा गंभीर हो होगा उनकी गंभीरता के हिसाब से मौसम विभाग उस अलर्ट का रंग बदलता है। अगर मौसम विभाग की तरफ से रेड अलर्ट जारी किया जाता है तो इसका मतलब स्थिति काफी गंभीर है जिसमें जान माल का नुकसान भी हो सकता है।

ग्रीन अलर्ट

ग्रीन अलर्ट का मतलब होता है कि सब कुछ ठीक है जब मौसम विभाग मौसम खराब होने के बाद ग्रीन अलर्ट जारी करता है उसका मतलब समझे कि फिलहाल सब कुछ ठीक है कोई एक्शन लेने की जरूरत नहीं है। यह सिर्फ मौसम विभाग की ओर से एक चेतावनी दी जाती है कि मौसम आगामी दिनों या कुछ समय बाद बदल रहा है जिसको लेकर विभाग ग्रीन अलर्ट जारी करता है।


येलो अलर्ट

येलो अलर्ट मौसम विभाग उस समय जारी करता है जब लोगों को यह संदेश दिया जाता कि आप सचेत रहें प्राकृतिक आपदा से पहले लोगों को यह येलो अलर्ट जारी किया जाता है। इस अलर्ट में चेतावनी दी जाती है कि 7.5 से 15 मिमी की बारिश हो सकती है जिसके अगले 2 घंटे तक जारी रहने की संभावना होती है इसका कारण बाढ़ आने की आशंका भी रहती है और लोगों को इस अलर्ट के माध्यम से सावधान भी किया जाता है । इस अलर्ट में लोगों को मौसम खराब रहने का संदेश दिया जाता है।


ऑरेंज अलर्ट

इस अलर्ट में खतरे की पूरी संभावना जताई जाती है मौसम विभाग के मुताबिक जैसे-जैसे मौसम खराब होता है तो आॅरेंज अलर्ट जारी कर दिया जाता है आॅरेंज अलर्ट में लोगों को इधर उधर जाने की प्रति सावधानी बरतने के लिए कहा जाता है इस अलर्ट में लोगों को घरों में रहने की सलाह दी जाती है साथ ही इस अलर्ट में चक्रवात मैं हवा की स्पीड लगभग 65 से 75 किलोमीटर प्रति घंटा होती है साथ ही 15 से 30 मिमी बारिश होने की आशंका जताई जाती है।


रेड अलर्ट

इसका अर्थ है स्थिति खतरनाक है। मौसम विभाग के मुताबिक जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और भारी नुकसान होने की आशंका होती है तो विभाग की ओर से रेड अलर्ट जारी कर दिया जाता है। साथ ही प्रशासन से जरूरी कदम उठाने के लिए कहा जाता है। मॉनसून की स्थिति में इस तरह के अलर्ट का ऐलान तभी होता है जब 30 मिमी। से ज्‍यादा बारिश की संभावना हो और यह कम से कम 2 घंटे तक होती ही रहे। ज्यादातर मामलों में निचले इलाकों में रह रहे लोगों को बाहर निकाल लिया जाता है क्योंकि तेज बारिश के कारण बाढ़ आने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

The post क्‍या आप जानते हैं क्‍या होता है मौसम विभाग के रेड, ऑरेंज, येलो और ग्रीन अलर्ट का मतलब appeared first on Patrika News Himachal.



from WordPress https://ift.tt/3u0ED4t
via IFTTT

कोई टिप्पणी नहीं:

Blogger द्वारा संचालित.