एस्ट्राजेनेका के बाद अब इन वैक्सीन पर उठ रहे सवाल, टीका लगवाने के बाद सीने में हो रही जलन!
दुनिया भर में कहर बरपाने वाले कोरोना वायरस से बचने के लिए लगाए जा रहे टीके को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। अब फाइजर और मॉडर्ना के कोविड-19 टीके भी सवालों के घेरे में आ गए हैं। अमेरिका और इजरायल में इन दोनों ही कंपनियों की ओर से विकसित वैक्सीन लगवाने वाले युवाओं में सीने में जलन की समस्या उभरने के कई मामले सामने आए हैं।
ब्रिटिश स्वीडिश कंपनी एस्ट्रेजनेका के बाद स्पाइडर और मॉडर्न आके कोविड-19 टेके भी सवालों के घेरे में आ गए हैं। अमेरिका और इजरायल में इन दोनों की कंपनियों की ओर से विकसित कोरोना के टीके लगवाने वाले युवाओं के सीने में जलन की समस्या को भरने के कई मामले सामने आए हैं। मेडिकल रोग नियंत्रण एवं रोकथाम के दृश्य नीति रीति के मुताबिक 31 मई तक 16 से 24 साल के लाभार्थियों में लगाई गई दूसरी खुराक के बाद मायू कारडाइटिस या पेरिकार्डाइटिस के 275 मामले दर्ज किए गए हैं।
जबकि विशेषज्ञों ने ऐसी तस्वीर स्तुति शिकायत मिलने की संभावना जताई थी। इधर लगातार बढ़ रही सीडीसी इन मामलों की जांच में जुट गई है। आपको बता दें दे कि मांसपेशियों में सूजन आने की समस्या सताने लगती है डीडीसी के अनुसार 30 साल या उससे कम उम्र के लाभार्थियों की मायोकार्ड आई थी या पेरिकार्डाइटिस के 475 मामले दर्ज किए गए मामलों में मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। 31 मई तक 15 को छोड़ सभी ठीक हो कर घर लौट चुके थे।
पीडीपी ने बताया कि मायोकार्डिया पेरिकार्डाइटिस के ज्यादातर शिकार पुरुष थे उनमें 5 दरियामॉडर्न की एमआरएनए आधारित पीके की दूसरी खुराक लगवाने के 2 से 3 दिन के भीतर इन बीमारियों के लक्षण देखने को मिले।
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