पांगी में अंधविश्वास का अनोखा मामला, चार सालों से परिवार करता था तपस्या, मां-बेटी और बेटे की मौत
पांगी: जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी के रेई पंचायत में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। अंधविश्वास का यह मामला प्रदेश में पहला मामला है। जहां पर भक्ति की आढ़ में परिवार के पांच सदस्य पिछले 4 सालों से दिन के 24 घंटों में केवल एक बार खाना पक्काते थे। और पूरे दिन सन्यास्यों की तरह पूरा परिवार तपस्या करता था। 21वीं शताबदी में इस तरह का अंधविश्वास पहले बार जिला चंबा के पांगी घाटी में देखने को मिला है। जहां पर 5 सदस्यों का पूरा परिवार भक्ति में इस तरह लीन हो गया कि आज तीन सदस्यों की दो दिन में मौत हो गई।
मामला संज्ञान में तभी आया जब पिता अपनी 15 वर्षीय बेटी का अंमित संस्कार करने के बाद घर पहुंचा तो ग्रामीणें ने एकजुट होकर उसके परिवार को हालचाल पूछने उसके घर पहुचे तो वहां हैरान रह गए। जहां पर पाया गया कि तीन बच्चों की मां ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वहीं घर के अंदर 20 वर्षीय बेटे का कंकाल पाया गया। पुलिस के मुताबिक कंकाल से यह जाहिर होता है कि युवक की चार-पांच माह पहले मौत हो गई थी। लेकिन महिला अंधविश्वास में आकर अपने बेटे के शव घर में रखा हुआ था। सबसे बड़ी बात यह कि महिला अपने घर में अपने रिश्तेदारों व गांववासियों को भी आने नहीं देती थी।
ग्रामीणों के मुताबिक महिला पिछले चार सालों से अपने घर में चली का काम करती थी। और अपने घर में मंदिर भी बनाया हुआ था। सुबह के समय खाना खाने के बाद महिला अपने बच्चों के पति के साथ तपस्या करने बैठ जाती थी। आखिर में ऐसा समय आया जब दोनों बेटियां अचानक बीमार हो गई। पिता अपनी पत्नी को घर में बंद करके बेटियों का उपचार करवाने के लिए चंबा निकला आता है। लेकिन छोटी बच्ची की हालत खराब होने के कारण बच्ची ने दम तोड़ दिया। वहीं बड़ी बेटी का चंबा मेडिकल कॉलेज में उपचार चल रहा है। अब परिवार में केवल दो सदस्य बचे है। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्जकर आगामी कर्रवाई शुरू कर दी है। साथ ही मृतक महिला के पती से पूछताछ शुरू कर दी है।
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