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Bhu-Aadhaar : अब जमीनों का भी बनेगा आधार कार्ड, जानें क्या है भू आधार और कैसे करेगा काम

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Bhu-Aadhaar
Bhu-Aadhaar : नई दिल्ली:  जमीन से जुड़े विवाद को खत्म करने के लिए सरकार ने भू आधार की शुरुआत की है. अब आपके खाली प्लॉट, या जमीन का भी आधार कार्ड बनेगा. आइए जानते हैं क्या है Bhu-Aadhaar, इससे क्या मिलेगा लाभ और किस तरह से काम करेगा ये कार्ड? देश के नागरिकों के आधार कार्ड की तरह अब जमीनों को भी विशिष्ट पहचान मिलेगी. इसे भू आधार (Land Aadhar card) का नाम दिया गया है. जमीन रिकॉर्ड डिजिटाइजेशन (Digitization) के तहत आम बजट में इसे प्रस्तावित भी किया गया है. तीन साल में इसे लागू कर दिया जाएगा. दरअसल, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भूमि सुधार और जमीन से जुड़े विवादों को लेकर सरकार ने बजट 2024 में कई बड़े कदम उठाए हैं.

जानें इस कार्ड के बारे में-Bhu-Aadhaar

Bhu-Aadhaar के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जितनी भी भूमि है. उसे 14 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या मिलेगी. इसे भू आधार (ULPIN) के नाम से पहचाना जाएगा. इस प्रक्रिया में भूमि की पहचान संख्या के साथ उसका मानचित्रण, सर्वे, मालिकाना और किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. इससे कृषि लोन मिलने में आसानी हो जाएगी. इसके अलावा उनको दूसरी कृषि सुविधाएं भी आसानी से मिल सकेंगी. वहीं शहरी क्षेत्रों में जो जमीने हैं, उनके भूमि अभिलेखों (Records) को जीआईएस मैपिंग के साथ डिजिटल किया जाएगा.

Bhu-Aadhaar
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जानें कैसे काम करेगा Bhu-Aadhaar

इससे पहले GPS तकनीक की मदद लेकर जमीन का जियोटैग किया जाता है. इसके बाद सर्वेक्षण करने वाले भूमि की सीमा का भौतिक(Physical) वेरिफिकेशन और माप करते हैं. यह करने के बाद जो रिकॉर्ड एकत्रित किया जाता है. उसको भूमि रिकॉर्ड मैनेजमेंट सिस्टम में दाखिल करते हैं. इसके बाद सिस्टम अपने आप भू-खंड के लिए 14 अंकों का Bhu-Aadhaarसंख्या तैयार करता है. यह भू-आधार संख्या डिजिटल रिकॉर्ड से जुड़ा होता है.

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